क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है की आप अपने Mobile ( मोबाइल ) पर कुछ काम रहें है और एकदम से बीच में ही कोई Ads ( ऐड ) पॉपअप हो जाये और इसकी वजह से आपके इम्पोर्टेन्ट काम में परेशानी हो जाये तो इससे आपको परेशानी तो होती ही है बल्कि ये भी लगने लगता है की ये तो आपका पर्सनल ,Mobile ( मोबाइल ) है फिर इसमें Ads ( ऐड ) क्यों आ रहे हैं, जी हाँ हम जानते हैं की ऐसी बहुत सारी ऐप्स हैं जो ऐसे ही बिना मतलब के Ads Mobile ( ऐड मोबाइल ) में दिखाते हैं और प्राइवेसी का कोई ध्यान नहीं रखते हैं. तो इसके लिए टेक जायंट गूगल ने बड़ा ही अच्छा उपाय निकला है वह भी बड़े कड़ी नियम बना के ऐसी ऐप्स ढूंढी हैं जोकि Mobile User ( मोबाइल यूजर ) को पेरशान तो करती ही हैं बल्कि सेफ भी नहीं हैं क्योंकि इनकी वजह से मोबाइल के अंदर का डाटा भी सेफ है या नहीं, गूगल कंपनी पिछले साल से ही ऐसी ऐप्स और डेवलपर को सर्च कर रही थी जोकि गलत तरीके से Mobile Ads ( मोबाइल यूजर ) को ऐड दिखा कर गूगल को चूना लगा रहे थे और ऐसा नहीं है की इन्हे कोई वार्निंग या नोटिस नहीं दिया गया था पर जब ये फ्रॉड डेवलपर नहीं माने तो Google ( गूगल ) ने 600 Android Apps ( 600 एंड्राइड ऐप ) को सिर्फ PlayStore ( प्लेस्टोर ) पर ही नहीं बल्कि दूसरे मॉनीटिज़ेशन प्लेटफॉर्म से भी हटाने का बड़ा डिसिशन आखिर ले ही लिया, तो चलिए हम आपको ये बताने की कोशिश करते है की आखिर Google ( गूगल ) ने ये डिसिशन क्यों और कैसे लिया।
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Google ( गूगल ) कंपनी ने अपने Google Playstore( गूगल प्लेस्टोर ) पर से 600 Android Apps ( 600 एंड्राइड ऐप्स ) बैन कर दी हैं और इतना ही नहीं इन ऐप से होने वाली कमाई भी बंद कर दी है क्योंकि ये गूगल की पॉलिसी को फॉलो नहीं करती थी। Google ( गूगल ) ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर ये ऐप्स Google Playstore ( गूगल प्ले स्टोर ) से हटाने का फैसला लिया है, इन Apps ( ऐप्स ) को हटाने की सबसे बड़ी वजह यही है की ये बेकार में ही पॉप आप ऐड मोबाइल में डिस्प्ले कर देती थी जबकि उसे ने ऐसी कोई परमिशन नहीं दी होती है और Google ( गूगल ) की भी ये पालिसी है की वह Google Playstore ( गूगल प्लेस्टोर ) पर सिर्फ उन ऐप्स को जगह देगा जो पॉप आप ऐड नहीं दिखाएँ क्योंकि इससे यूजर एक्सपीरियंस बड़ा ही बेकार होता है, पर Google ( गूगल ) की इस गाइडलाइन को ना मानते हुए करीब 600 Android Apps ( 600 एंड्राइड ऐप्स ) ऐसी निकली जिन्हे इस बात की की परवाह नही थी और बड़े आसानी से Google Playstore ( गूगल प्लेस्टोर ) पर लिस्टेड थी, पॉप आप ऐड का मतलब यहाँ ये है की Ads ( ऐड ) बनता तो एक App ( ऐप ) में है पर वह मोबाइल में दूसरी ऐप में भी डिस्प्ले होने लगता है जिसे यूजर को लगता है की जिस ऐप पर वह काम कर रहा है उसमे ये ऐड आ रहे हैं बल्कि असलियत में ऐसा नहीं होता है।
Google ( गूगल ) ने नए रूल एनफोर्स करने के बाद इन ऐप्स को तो हटाया ही है बल्कि इनके डेवलपर को भी बैन कर दिया है, ( गूगल ) के इस ऐप रिमूवल स्टेप को मैस क्रैकडाउन कहा जा रहा है जोकि फ्रॉड डेवलपर और डिसरप्टिव मोबाइल ऐड के लिए बहुत ही बड़ा स्टेप है। ऐसा नहीं है की सिर्फ छोटे मोटे डेवलपर या ऐप ही Google Playstore ( गूगल प्लेस्टोर ) से हटाए गए हैं बल्कि हम आपको बताते हैं की एक बहुत ही बड़ा डेवलपर चीता मोबाइल जोकि एक पब्लिक ट्रेडेड चायनीज़ कंपनी है जोकि ऐड फ्रॉड में लिप्त पायी गयी है और ये बात बज़फ़ीड न्यूज़ ने नवंबर 2018 में ही बता दिया था
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इसके बाद दिसंबर में गूगल ने एक और बड़े ऐप को Playstore ( प्लेस्टोर ) से रिमूव कर दिया था पर चीता डेवलपर को नहीं हटाया पर बाद में इसकी भी करीब पैंतालीस ऐप्स को हटा दिया गया और इसके बाद इसकी ऐप के पास की एडवरटाइजिंग इन्वेंटरी नहीं रह गयी थी गोल ऐड नेटवर्क के लिए। Google ( गूगल ) के ऐड ट्रैफिक सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर ने भी बज़फ़ीड न्यूज़ को बताया की जो ऐप उन्होने हटाई है उसे करीब साडे चार बिलियन लोगों ने इंसटाल कर रखा था और ये ऐप मुख्यता इंग्लिश स्पीकिंग यूजर को टारगेट करती थी और ज़्यादातर ये ऐप चीन, होन्ग कोंग, सिंगापुर, और इंडिया में डेवेलोप की गयी थी, इन्होने किसी ऐप या डेवलपर का नाम ना लेते हुए आगे बताया की ज्यादातर हटाई गयी ऐप यूटिलिटी और गेम्स की थी।
पिछले साल Google ( गूगल ) ने एक और बड़े ऐप डेवलपर को प्लेस्टोर से रएमवॉय कर दिया था जोकि CooTek नाम का चायनीज़ डेवलपर है और ये भी पब्लिक ट्रैड कंपनी है, इस डेवलपर के बारे में भी बज़फ़ीड न्यूज़ ने खुलासा किया था की इसके ऐप Mobile User ( मोबाइल यूजर ) को परेशान करते है और डिसरप्टिव ऐड बोम्बार्ड करते हैं जिसके बाद गूगल ने एक्शन लेते हुए इसके ऐपस को बैन कर दिया। Google ( गूगल ) के सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर बी जोरके ने इस बारे में ये भी बताया की डिसरप्टिव ऐड पॉलिसी डेवेलपर्स को ये अल्लॉव नहीं करती की जब मोबाइल यूजर उनकी ऐप को बंद कर दे तो उसके बाद भी उसके मोबाइल में ऐड डिस्प्ले होते रहे तक गलती से उनपर क्लिक हो jay और डेवलपर के पैसे बने उन्होंने एक उदाहरण देते हुए ये बताया के कभी कभी मोबाइल से कॉल करते हुए पूरी स्क्रीन पर ऐड आ जाता है जो की गलत है और एक बेकार यूजर एक्सपीरियंस देता है और इतना ही नहीं इन फ्रॉड ऐप की वजह से मोबाइल के इम्पोर्टेन्ट फंक्शन जैसे फोन कॉल करना, जीपीएस की स्क्रीन पर ऐड दिखने से गलती से क्लिक हो जाता है और इससे एडवरटाइजर के पैसे भी बर्बाद हो जाते हैं।
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इन्होने ये भी बताया की Google ( गूगल ) ने पिछले साल ही नयी टेक्नोलॉजी डेवेलोप कर ली थी जिससे ऑटोमेटिकली उन ऐप्स को ढून्ढ लिया जाता है जोकि गलत तरीके से ऐड डिस्प्ले करती है और इस आटोमेटिक टेक्नोलॉजी की वजह से ऑफेण्डिंग ऐप्स को आईडेंटीफाई करके लिस्ट बना ली गई थी जोकि एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस था, इतना ही नहीं गूगल इन सिलेक्टेड ऐप्स को नोटिस और वार्निंग भी सेंड की थी जब इन्हे पहली बार डिटेक्ट किया गया था और इन फ्रॉड डेवलपर को एक और मौका दिया गया था की वह इन प्रॉब्लम को सही कर ले और अगर वह इन्हे ठीक नहीं करते हैं तो स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जायेगा।
पर ये छह सौ डेवलपर नहीं माने और सोचा को गूगल की ये वार्निंग को ज़्यादा सीरियस नहीं लेना चाहिए, उन्होने और ये बताया की Google ( गूगल ) को ऐसा लगता है की कुछ ऑफेंडंग ऐप और डेवलपर डिसरप्टिव ऐड दिखने के लिए एक तरह की तकनीक तकनीक का उपयोग कर रहे थे और लगभग एक ही तरीके से डिटेक्शन से बच रहे थे पर ये साफ़ नहीं हो पाया की ये सब मिलकर काम कर रहे थे या नहीं पर ये जरूर साफ़ हो गया था की ये सब एक जैसी तकनीक का ही इस्तेमाल कर रहे थे। ये बात तो साफ़ है की इन फ्रूड ऐप और डेवलपर की वजह से एडवरटाइजर को सही यूजर नहीं मिले तो गूगल कंपनी ने इन ब्रांड्स को रिफंड भी देना शुरू कर दिया जिनके ऐड इन एंड्राइड ऐप्स में चले थे और ज़्यादातर ब्रांड को उनके ऐड में लगाए पैसे वापस दिए जा चुके हैं। इस एक्शन और कड़ा बनाने के लिए गूगल ने इन फ्रॉड ऐप्स को सिर्फ Google Playstore ( गूगल प्लेस्टोर ) से ही नहीं बल्कि अपने ऐड मॉनेटाइज़शन प्लेटफॉर्म्स, जैसे की गूगल एडमॉब और गूगल ऐड मैनेजर पर भी बैन कर दिया है जिसे की फ्रॉड डेवलपर और ऐप्स दूसरी जगह से भी फ्रॉड करके पैसा न कमा पाएं।
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इस बैन के अलावा गूगल कंपनी ये भी प्लान कर रही है की कैसे और नए रूल्स बना कर और मशीन लर्निंग आटोमेटिक टूल से और ज़्यादा ऐप को ढूंढा जाये और जल्दी एक्शन लिया जाये, इसके लिए एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वालों ने तीन स्टेप वाला एक प्लान बनाया है जिससे गूगल प्लेस्टोर और एंड्राइड ऐड इकोसिस्टम हेअल्थी बना रहे। स्टार्टर्स के लिए गूगल कंपनी ने कहा है की वह फ्रॉड ऐप को सर्च करने की एक्टिविटी को चलाते रहेंगे ताकि डेंजरस ऐपस को हटाया जा सके और एडवरटाइजर के पैसा बर्बाद न होने दिया जाये, गूगल ने बेहतर टूल पब्लिश करने का भी प्लान किया है ताकि ऐप डेवलपर की मदद हो सके और वह गूगल की गुइडेलिने के हिसाब से ऐप डेवेलोप कर सकें और इंडस्ट्री स्टैंडर्ड को भी मैच करें, इन डेवलपरस को ये जानकारी दी जाएगी की गूगल ऐप डेवेलोपमेंट पर कौनसी लिमिट्स लगायी हैं।